Sunday 15 June 2014

ध्यान

तेरी है धरती, तेरा आसमान,
एक ही ध्येय, एक ही ध्यान।

बंद कर आँखें न खोल अपने कान,
करदे अपने रातों की नींद दान।
तेरी है धरती, तेरा आसमान,
एक ही ध्येय, एक ही ध्यान।

नहीं तू सिर्फ मिट्टी का खिलौना
जिसमें भर दी है जान।
न देख इधर-उधर,
तू  खूद ही का है भगवान।
तेरी है धरती, तेरा आसमान,
एक ही ध्येय, एक ही ध्यान।

न्योंछावर कर दे तन-मन,
भुला दे सारा जहान।
सफलता की उचाईयों से जा मिल 
गगनभैदी शिखर भी मांगे तेरा निशान 
तेरी है धरती, तेरा आसमान,
एक ही ध्येय, एक ही ध्यान।